इतनी उंचाई न देना प्रभु की धरती पराई लगने लगे,इतनी खुशिया न देना की किसीके दुःख पे हंसी आने लगे,नहीं चाहिए ऐसी शक्ति जिसका निर्बल पर प्रयोग करू,नहीं चाहिए ऐसा भाव की किसीको देख जल-जल मरू,एसा ज्ञान मुझे न देना अभिमान जिसका होने लगे,एसी चतुराई भी न देना की लोगो को छलने लगे !!शुभ प्रभात